परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज (ससंघ) का मंगल चातुर्मास श्री जम्बूस्वामी जी तपोस्थली, बोलखेडा, कामां, भरतपुर, राजस्थान में 21 जुलाई को मंगल कलश पूर्वक स्थापित किया जायेगा। इस अवसर पर देश के कोने कोने से भक्तों का आगमन होगा तथा हम आपको भी सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित करते हैं। यह पूज्य गुरुदेव का 26 वाँ चातुर्मास है तथा इस वर्ष रजत मुनि दीक्षा जयंती महोत्सव का भी अवसर है। यह स्थान अंतिम अनुबद्ध केवली श्री जम्बूस्वामी जी की तप स्थली है तथा यहाँ पूर्ण प्राकृतिक वातावरण है। पर्वत पर स्थित जिन मंदिर में ही चातुर्मास स्थापना संपन्न होगी। चातुर्मास में मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री जिनानंद जी, ऐलक श्री सच्चिदानंद जी, ऐलक श्री स्वरूपानंद जी, क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी एवं क्षुल्लक श्री सहजानंद जी महाराज के दर्शन भी प्राप्त होंगे।
चातुर्मास के दौरान अध्यात्मिक साधना के साथ साथ धार्मिक शिक्षा का भी क्रम चलेगा एवं वर्षाकालीन वाचना का अभी आयोजन होगा। चातुर्मास में पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज का स्वर्ण मुनि दीक्षा दिवस के अवसर पर ज्ञान वर्द्धानोत्सव का भी आयोजन किया जायेगा, दसलक्षण पर्व एवं पूज्य एलाचार्य श्री का रजत मुनि दीक्षा दिवस का आयोजन भी निश्चित है। चातुर्मास में भव्य दिगम्बरी जिन दीक्षाएं भी संभावित हैं जिसकी तिथि समय आने पर घोषित की जाएगी। चातुर्मास के अंतिम दौर में पिच्छि परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन का कार्यक्रम संपन्न होगा।
क्षेत्र पर नव निर्मित विशाल चौबीसी मानस्तंभ का भी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सन 2014 में संभावित है।
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