प.पू. श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के ससंघ पावन सानिध्य में दिल्ली के दक्षिण में बसे संगम विहार में भगवन अजितनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के भव्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन ०६ मार्च से १३ मार्च २०११ तक आयोजित किया गया जिसमे 06 मार्च को ध्वजारोहण के द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया.०७ मार्च को गर्भ कल्याणक की पूर्व क्रिया, ०८ मार्च को गर्भ कल्याणक की उत्तर क्रिया, ०९ मार्च को जन्म कल्याणक की भव्य शोभायात्रा निकली गयी जिसमे बैंड ताशे आदि के साथ सुंदर सुंदर झांकिय भी थी,पन्दुक्षिला पर बालक तीर्थंकर का अभिषेक किया गया,सायं काल में पलना झुलाया गया.१० मार्च को राज्याभिषेक,षट्कर्म व्यवस्था,विवाह आदि क्रियाएं दिखाई गई और पश्चात् वैराग्य मई दृश्य के साथ ताप कल्याणक संपन्न हुआ,संध्या काल में कवी चंद्रसेन की अगवानी में विशाल कवी सम्मलेन संपन्न हुआ.११ मार्च को प्रातः हस्तिनापुर में आहार चर्या संपन्न हुई और दोपहर में केवलज्ञान क्रिया,सूरी मंत्र पूज्य एलाचार्य श्री ने देकर प्रतिमाओ को पूज्य बनाया.तत पश्चात् समवशरण रचना हुई जिसमे गुरुदेव गणधर के रूप में विराजित हुए और मंगल ध्वनि सुनने का लाभ हुआ.१२ मार्च को प्रातः काल मोक्ष कल्याणक की क्रिया संपन्न हुई और १३ मार्च को वेदी में श्री जी विराजमान किये गए.१३ मार्च को ही पूज्य एलाचार्य श्री ने ससंघ सरिता विहार के लिए प्रस्थान किया और रात्रि विश्राम के पश्चात सुबह शकरपुर में भव्य प्रवेश किया.
पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ मुनि श्री शिव सागर जी मुनिराज,ऐलक श्री विमुक्त सागरजी,ऐलक श्री ज्ञानानंद जी,ऐलक श्री सर्वानन्द जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री सुखानंद जी आदि संतो के दर्शन लाभ भी प्राप्त हुए.
पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ मुनि श्री शिव सागर जी मुनिराज,ऐलक श्री विमुक्त सागरजी,ऐलक श्री ज्ञानानंद जी,ऐलक श्री सर्वानन्द जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री सुखानंद जी आदि संतो के दर्शन लाभ भी प्राप्त हुए.
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