परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के दीक्षा काल के 24 वर्ष संपन्न होने और 25 वें वर्ष में पदार्पण करने पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन श्री महावीर मंदिर, छदामी लाल जैन ट्रस्ट , फिरोजाबाद में चातुर्मास कमिटी द्वारा किया गया था। गुरु के संयम दिवस को स्मृति रूप मनाने के लिए देश के कोने कोने से लोगों का आगमन हुआ और अपनी भाव भीनी विनयांजलि प्रस्तुत की, कार्यक्रम के दौरान बालक बालिकाओं ने बेहद सुंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत जिसे उपस्थित जन समूह ने पूर्ण रूप से सराहा। सर्वप्रथम चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन व मंगलाचरण से धर्म सभा प्रारंभ हुई और गुरु चरण प्रक्षालन, शास्त्र भेंट और आरती से कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मध्य विद्वानों एवं समाज सेवियों के वक्तव्य बेहद सराहनीय रहे तथा चाद्रसेन कवी के द्वारा मंच सञ्चालन से सभी हर्षित हुए। प्रसिद्द कलाकार पवन शर्मा के द्वारा प्रस्तुत वैराग्य वर्धक नाटिका "देशभूषण कुलभूषण" ने सभी के आँखों को नम कर दिया।
इस अवसर पर विशिष्ट भक्तों को भी स्वर्ण प्रशस्ति से तथा विशेष भक्तों का रजत प्रशस्ति से सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम के पश्चात सभी आगंतुकों को भोजन करा चातुर्मास कमिटी ने अपना अहो भाग्य समझा।
दिल्ली स्थित धर्म जाग्रति संसथान, दिल्ली प्रदेश द्वारा उत्तर भारत की सबसे विशाल भगवन बहुबली की तथा पूज्य गुरुदेव की 2500 दीपकों व आकर्षक थालों से महा आरती की जिसको देखते ही बनता था।
रात्रि कालीन सभा में पवन शर्मा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए।
इस अवसर पर विशिष्ट भक्तों को भी स्वर्ण प्रशस्ति से तथा विशेष भक्तों का रजत प्रशस्ति से सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम के पश्चात सभी आगंतुकों को भोजन करा चातुर्मास कमिटी ने अपना अहो भाग्य समझा।
दिल्ली स्थित धर्म जाग्रति संसथान, दिल्ली प्रदेश द्वारा उत्तर भारत की सबसे विशाल भगवन बहुबली की तथा पूज्य गुरुदेव की 2500 दीपकों व आकर्षक थालों से महा आरती की जिसको देखते ही बनता था।
रात्रि कालीन सभा में पवन शर्मा द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुए।
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