Monday, August 22, 2011

महापर्व पर्यूषण में होगा श्रावक साधना शिविर का आयोजन

दसलक्षण महापर्व वैसे तो वर्ष में तीन बार आते हैं फिर भी भाद्रपद माह के दसलक्षण का महत्व बेहद माननीय है तथा चातुर्मास के दौरान संतों का सानिध्य भी मिल जाये तो सोने पे सुहागा के सामान है. जैन समाज सर्व श्रेष्ठ जैनाचार्य श्वेत पिच्छि धारक श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक,तपस्या शिरोमणि, अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ सानिध्य में ०२ से १२ सितम्बर तक अतिशय क्षेत्र हस्तिनापुर में स्थित श्री आदिवीर विद्याश्री संस्थान के पर्यावरण से सम्पूर्ण वातावरण में आयोजित होगा जिसमे लगभग सम्पूर्ण उत्तर भारत से शिविरार्थियों के आने की सूचना प्राप्त हो रही है.
पूज्य एलाचार्य श्री के संघस्त बाल ब्र. आशीष भैया ने बताया कि इस वर्ष शिविर में केवल ध्यान,भक्ति व संगीतमय पूजा,सामायिक आदि ही नहीं अपितु ज्योतिष, वास्तु, जाप की विशेषताएं आदि के साथ साथ जैन धर्म के सारभूत ग्रन्थ तत्वार्थ सूत्र की भी वचन संपन्न होगी. संस्था के अध्यक्ष बाल ब्र. इन्द्र कुमार जैन 'पोटी भैया' ने बताया के सभी शिविर में पधारे श्रावकों को लेखन सामग्री के साथ साथ धोती दुपट्टा भी प्रदान किया जायेगा.शिविर में आने वाले सभी श्रावकों की साधना हेतु पूर्ण व्यवस्था कार्यकारिणी द्वारा की जाएगी.अध्यक्ष महोदय ने बताया कि इस वर्ष महिलाएं भी शिविर में भाग ले सकतीं है तथा उनकी व्यवस्था भी अलग धर्मशाला में सम्पूर्ण सुविधाओं के साथ की गई है.
इस शिविर के दौरान मुनि श्री शिव सागर जी,मुनि श्री ज्ञानानंद जी,मुनि श्री सर्वानन्द जी,एलक श्री विमुक्त सागरजी,क्षुल्लक श्री विशंक सागरजी एवं क्षुल्लक श्री सुखानंद जी महाराज के भी दर्शन लाभ प्राप्त होंगे.
पूज्य गुरुदेव ने बताया कि घर पर सौ माला जपने का फल मंदिर में एक माला के बराबर है,और मंदिर में सौ माला जपने से अतिशय क्षेत्र पर एक माला जपने के बराबर है.इसीलिए जो मनुष्य अतिशय पुण्य को प्राप्त करना चाहते हैं वे इस शिविर में सम्मिलित होकर अपने भाग्य को उज्जवल बना सकते हैं.यदि वास्तविक शांति का अनुभव और जंगलों जैसा अनुभव प्राप्त करना है तो हस्तिनापुर में आयोजित इस शिविर का आनंद अवश्य लें जिसमे प्राकृतिक सौंदर्य के साथ साथ धार्मिक सौन्दर्य का भी आनंद ले सकतें हैं.

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विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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