Monday, July 30, 2012

मेरी क्या गलती थी?

भ्रूण हत्या माँ के कोख में......
कातर निष्ठुर निगाहों से
बच्चे बड़े ही मासूमियत से पूछते हैं.........
अपने जनक और जननी को 
मेरी क्या गलती थी?
मेरी हत्या क्यों करते हो?
जब दुनिया नहीं दिखाना था  
अपने कोख में क्यों पन्पाये?
भविष्य के सुनहरे सपने ही क्यों दिखलाये?
यदि लड़की होना ही अभिशाप है तो
माँ.............

Sunday, July 22, 2012

'विश्वविद्यालय' के 50 वर्ष

हम सभी के लिए यह प्रसंनता का विषय है कि 20-21 वीं सदी के सर्वमान्य आयु-वृद्ध, ज्ञान-वृद्ध, तप-वृद्ध, दीक्षा-वृद्ध श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज का 25 जुलाई 2012 से मुनि दीक्षा का 50 वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है। इस अवसर पर त्यागराज स्टेडियम, नई दिल्ली में एक भव्य आयोजन रविवार 29 जुलाई 2012 को प्रातः 10 बजे से मनाया जायेगा।आचार्य श्री विद्यानंद जी का जीवन एक आदर्श जीवन रहा है जिसको समस्त जैन समाज ने ही नहीं अपितु जैनेत्तर समाज ने भी मन है। आचार्य श्री को 8000 श्लोक, गाथाएं आदि कंठस्त है जिससे उन्हें चलता फिरता विश्वविद्यालय कहा जाता है। ये ऐसे रत्नाकर है जिन्होंने अथाह सागर में से चुनिन्दा रत्ना को खोजकर उन्हें उभरा और तराशा है जिनमे एलाचार्य श्रुत सागर, एलाचार्य वसुनंदी, उपाध्याय प्रज्ञ सागर आदि संतों का नाम सम्मिलित है। वर्तमान काल में लगभग 1200 पिच्छिधारी संत भारत भूमि पर अपनी चर्या और तपस्या में रत है जिनमे सबसे अधिक आयु, ज्ञान एवं दीक्षा काल आचार्य श्री की ही है।हम ऐसे राष्ट्र संत, सिद्धांत चक्रवर्ती, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के पवन चरणों में नत्मस्त होते हुए सिद्ध, श्रुत, आचार्य भलती पूर्वक नमोस्तु करते हैं।

विचार

विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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