Saturday, November 2, 2013

चातुर्मास निष्ठापन महोत्सव

Vasunandi_ परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के सुयोग्य शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का भव्य 26वां चातुर्मास निष्ठापन महोत्सव का आयोजन 08 नवंबर को भव्यता के साथ संपन्न होने जा रहा है जिस अवसर पर अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी प्रतियोगिता का परिणाम घोषित होगा साथ ही चातुर्मास  सहयोगी श्रावकों का सम्मान किया जायेगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः 10 बजे से आयोजित होगा। चातुर्मास का अंतिम आयोजन बड़े ही भक्ति भाव से संपन्न कराया जा रहा है जिसमे चातुर्मास स्थली पर अंतिम प्रवचन सुनने का अवसर भी श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा। अपने अपने नगर में प्रवेश कराने हेतु सीकरी, पहाड़ी, पुन्हाना, डींग, फिरोज़पुर झिरखा, होडल, कोसी कलां, कामां, आगरा, मथुरा, फ़िरोज़ाबाद, राजाखेड़ा, अजमेर, जयपुर, फरीदाबाद, अलीगढ, दिल्ली, तिजारा, धारूहेड़ा, पलवल, आदि अनेकों समितियों ने निवेदन किया है परन्तु अभी पूज्य गुरुदेव ने कोई भी विहार को लेकर घोषणा नहीं की है जिसके चलते सभी समाज अपने नगर के लिए स्वीकृति प्राप्त करने के लिए अति उत्साहित नज़र आ रहे हैं।
अभी अलीगढ में 21 से 26 फरवरी 2014, फरीदाबाद में 06 से 12 फरवरी 2014 और राजाखेड़ा में 19 से 25 जनवरी 2014 में होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में सानिध्य प्रदान करने हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी है  प्राप्त कर स्थानीय समाजों ने अपनी अपनी तैयारियाँ प्रारम्भ कर दी हैं, वहीं जम्बूस्वामी तपोस्थली और फ़िरोज़ाबाद में होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के लिए स्वीकृति अभी प्रदान नहीं कि है।
26 वां चातुर्मास विभिन्न आयोजनों के साथ संपन्न हुआ जिसका 21 जुलाई को चातुर्मास कलश स्थापना महोत्सव के साथ शुभारम्भ हुआ था। 08 सितम्बर को भव्य स्तर पर युगल मुनि दीक्षा व युगल क्षुल्लक दीक्षा का आयोजन हुआ जिसमे लगभग 15000 जन समूह की उपस्थिति दर्ज हुई। तत्पश्चात 10 सितम्बर से पर्वराज पर्युषण में श्रावक साधना व धर्म संस्कार शिविर का आयोजन सानंद संपन्न हुआ। 20 अक्टूबर को विशाल आयोजन को लिए हुए पूज्य एलाचार्य श्री का रजत मुनि दीक्षा महोत्सव का समायोजन किया गया तथा इसी शुभायोजन में संयमोपकरण पिच्छिका परिवर्तन भी सहर्ष पूर्णता को प्राप्तहुआ। पुरानी पिच्छिका प्राप्त करने का अवसर क्षेत्र के अध्यक्ष श्री आर सी गर्ग जैन ने प्राप्त किया। 3 नवंबर को भगवन महावीर निर्वाण लाडू चढ़ाया जायेगा तत्पश्चात 08 नवंबर को चातुर्मास निष्ठापन महोत्सव के अंतर्गत मंगल कलश वितरण किया जायेगा जिसमे श्री प्रवीण जैन 'मुन्नू , गाज़ियाबाद को मुख्य कलश प्रदान किया जायेगा। साथ ही 25 मंगल कलश का भी ड्रा द्वारा निर्णय लिया जायेगा। 

Wednesday, September 25, 2013

Tuesday, September 17, 2013

Bhavya Digambari Jin Angaar (Muni) Diksha Sanand Sampann

ये पहली बार हुआ था जब हजारों की संख्या में जन समूह ने भव्य दिगम्बरी जिन अनगार (मुनि) दीक्षाएं देखने  अवसर प्राप्त किया। अतिशय क्षेत्र श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली, बौलखेड़ा (राज.) में सहस्राधिक वर्षों में पहली बार 08 सितम्बर 2013  लगभग 20 हज़ार लोगों का जमावड़ा लगा जिसकी विशालता देखते ही बन रही थी। विशाल जम्बूवन में भव्य कार्यक्रम का आयोजन चातुर्मास समिति द्वारा किया। दीक्षा संस्कार विधि सम्पूर्णता परिवेश में प. पू. राष्ट्र संत, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के प्रभावक व सुयोग्य शिष्य प. पू. अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज द्वारा संपन्न हुई। इस अवसर पर युगल मुनि दीक्षा एवं युगल क्षुल्लक दीक्षा देखने का सौभाग्य जन समूह प्राप्त हुआ। संघस्थ ऐलक श्री सच्चिदानंद जी एवं ऐलक श्री स्वरूपानंद जी महाराज को शुभ मुहूर्त में मुनि दीक्षा प्रदान कर क्रमशः मुनि श्री आत्मानंद जी एवं मुनि श्री निजानंद जी मुनिराज के नाम से संस्कारित किया। बाल ब्र. शुभाशीष भैया जी एवं ब्र. संयम प्रकाश जी को क्षुल्लक दीक्षा प्रदान कर क्रमशः क्षुल्लक श्री प्रज्ञानंद जी एवं क्षुल्लक श्री ध्यानानंद जी महाराज के नाम से संबोधित किया। चारों दीक्षार्थियों का प्रातः काल केशलोंच संपन्न हुआ तत्पश्चात 11 बजे से दीक्षा महोत्सव की सभा का आयोजन प्रारंभ हुआ। सभी दीक्षार्थियों के पात्रों का सम्मान किया गया तथा पूज्य गुरुदेव द्वारा एक-एक दीक्षार्थी को क्रमवत दीक्षा प्रदान की। 
कार्यक्रम में लगभग 164 बसों में दर्शनार्थी पधारें तथा सेकड़ों गाड़ियों की लम्बी कतार नीचे गाँव तक देखी जा  सकती थी। उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को शुद्ध स्फटिक की माला दीक्षा स्मृति के उपलक्ष्य पर प्रदान की गई। दीक्षा से पूर्व आयोजन में 06 सितम्बर को बौलखेड़ा गाँव में बिनौली यात्रा संपन्न हुई, मेहंदी व गोद भराई की रस्म संपन्न की गई। 07 सितम्बर को प्रातः श्री गण धर वलय विधान दीक्षार्थियों द्वारा आयोजित किया गया। 09 सितम्बर को दीक्षार्थियों का प्रथम आहार पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के नेतृत्व में संपन्न हुई। यह आयोजन सभी उपस्थित जन समूह के द्वारा एक यादगार के रूप में उनके मस्तक पर हमेशा-हमेशा के लिए अंकित हो गया। 

Friday, August 30, 2013

भव्य अनगार मुनि दीक्षा महोत्सव

भव्य अनगार मुनि दीक्षा महोत्सव 

Wednesday, July 10, 2013

Chaturmas 2013

परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज (ससंघ) का मंगल चातुर्मास श्री जम्बूस्वामी जी तपोस्थली, बोलखेडा, कामां, भरतपुर, राजस्थान में 21 जुलाई को मंगल कलश पूर्वक स्थापित किया जायेगा। इस अवसर पर देश के कोने कोने से भक्तों का आगमन होगा तथा हम आपको भी सपरिवार इष्ट मित्रों सहित आमंत्रित करते हैं। यह पूज्य गुरुदेव का 26 वाँ चातुर्मास है तथा इस वर्ष रजत मुनि दीक्षा जयंती महोत्सव का भी अवसर है। यह स्थान अंतिम अनुबद्ध केवली श्री जम्बूस्वामी जी की तप स्थली है तथा यहाँ पूर्ण प्राकृतिक वातावरण है। पर्वत पर स्थित जिन मंदिर में ही चातुर्मास स्थापना संपन्न होगी। चातुर्मास में मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री जिनानंद जी, ऐलक श्री सच्चिदानंद जी, ऐलक श्री स्वरूपानंद जी, क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी एवं क्षुल्लक श्री सहजानंद जी महाराज के दर्शन भी प्राप्त होंगे। 
चातुर्मास के दौरान अध्यात्मिक साधना के साथ साथ धार्मिक शिक्षा का भी क्रम चलेगा एवं वर्षाकालीन वाचना का अभी आयोजन होगा। चातुर्मास में पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज का स्वर्ण मुनि दीक्षा दिवस के अवसर पर ज्ञान वर्द्धानोत्सव का भी आयोजन किया जायेगा, दसलक्षण पर्व एवं पूज्य एलाचार्य श्री का रजत मुनि दीक्षा दिवस का आयोजन भी निश्चित है। चातुर्मास में भव्य दिगम्बरी जिन दीक्षाएं भी संभावित हैं जिसकी तिथि समय आने पर घोषित की जाएगी। चातुर्मास के अंतिम दौर में पिच्छि परिवर्तन एवं चातुर्मास निष्ठापन का कार्यक्रम संपन्न होगा। 
क्षेत्र पर नव निर्मित विशाल चौबीसी मानस्तंभ का भी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा सन 2014 में संभावित है। 

Monday, June 3, 2013

शिमला इतिहास के शिलापट्ट पर अंकित हुआ एलाचार्य वसुनंदी जी का नाम

परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल प्रवेश 20 मई को श्री दिगम्बर जैन मंदिर, शिमला में हुआ जहाँ जैन जैनेत्तर समाज ने भव्य स्वागत किया। सभी मुख्य समाचार पत्रों में पूज्य गुरुदेव के आगमन की जानकारी प्रकाशित की गई। 20 मई को ही सिद्धांत एवं आगम ग्रन्थ की वाचना का प्रारंभ किया गया जिसमे महाबन्धो भाग 7 की वाचना का पाठ किया गया। 25 मई को दोपहर 2 बजे से प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन स्थानीय समाज द्वारा किया गया जिसमे शिमला के सभी मुख्य समाचार पत्रों एवं चैनलों ने भाग लिया। 27 मई से 29 मई 2013 तक श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन बड़े ही आनंद और भव्यता के साथ संपन्न हुआ। 
07 जून को दिगम्बर जैन सभा, शिमला ने पुनः प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया है जिसमे शिमला के प्रमुख समाचार पत्र प्रतिनिधियों एवं प्रमुख चैनल प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। 08 जून को दिगम्बर जैन मंदिर में श्री याग मण्डल विधान का कार्यक्रम वृहद् स्तर पर दोपहर 1 2 बजे से आयोजित किया गया जिसमे सौधर्मेंद्र बनने का सौभाग्य श्री सुशील जैन पंचकुला तथा मनोज जैन शिमला को प्राप्त हुआ। महायज्ञ नायक श्री किशोरी लाल जैन, पंचकुला एवं श्री अशोक कुमार जैन, शिमला को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में कुबेर इन्द्र बनने का सौभाग्य श्री अजय कुमार जैन, राज कॉटेज,मेरठ एवं राकेश जैन, शिमला को प्राप्त हुआ। 09 जून को भव्य जैनेश्वरी दीक्षा का कार्यक्रम दोपहर 11 बजे से चा.च.आचार्य श्री शांतिसागर सभागार, निकट दिगम्बर जैन मंदिर, शिमला में पूज्य गुरुदेव दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन करकमलों द्वारा संपन्न किया जायेगा जिसमे दीक्षार्थी के माता पिता बनने का सौभाग्य श्रीमती अनीता जैन ध.प. श्री राजकमल सरावगी तथा श्रीमती रीना जैन ध.प. श्री राजीव जैन ग्रीन पार्क, दिल्ली को प्राप्त हुआ। सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार वाचना, पंचकल्याणक एवं दीक्षा का आयोजन किया गया है जो हिमाचल के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। शिमला प्रवास के अंतिम दौर में 13 जून को वाचना निष्ठापना एवं श्रुत पंचमी महा महोत्सव का आयोजन किया जायेगा तथा दोपहर 3 बजे से चातुर्मास स्थली श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली, बोलखेडा (भरतपुर,राजस्थान) के लिए विहार प्रारंभ होगा जहाँ 21 जुलाई को चातुर्मास मंगल कलश की स्थापना की जाएगी।

Thursday, May 9, 2013

Ambala me hua bhavya pravesh

Param pujya Abhikshna Gyanopyogi Elacharya Shri Vasunandi Ji Muniraj sasangh ka mangal pravesh 8 may 2013 ko Haryana pradesh k Ambala Cantt me hua.  Apaar jansamuh or bhakti ke sath pujya gurudev ka band bajo ke sath mangal pravesh sayam 7:30baje hua. Pujya elacharya shri Ke sanghast bal br. Shubhashish bhaiya ji kesanidhya me ratri kaleen swadhyay or "dharm chakra pravartan pratiyogita" sampann hui. 9 may ko pujya gurudev ke mangalkari pravachan sh Digamber jain mandir, ambala cantt me hue tatpashchat ahar charya sampann hui. Dopahar ke swadhyay ke pashchat Ambala City ke liye vihar hua.

Saturday, April 20, 2013

शिमला में होगी ग्रीष्म कालीन वाचना

परम पूज्य ज्येष्ठ व श्रेष्ठ आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय आज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार भारत की राजधानी दिल्ली से हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की ओर 28 अप्रैल से प्रारंभ होगा। पूज्य गुरुदेव के परम पुनीत सानिध्य में 28 अप्रैल को श्री दिगम्बर जैन मंदिर, मॉडल टाउन दिल्ली में भगवान महावीर जयंती महोत्सव का भव्य आयोजन किया जायेगा तथा सायं 5 बजे शिमला के लिए विहार प्रारंभ होगा। संघस्त ब्र.शुभाशीष भैया ने बताया कि पूज्य गुरुदेव का मंगल प्रवेश 20 मई को संभावित है जहाँ महाबन्धो भाग 7 की ग्रीष्म कालीन वाचना संपन्न की जाएगी। पूज्य गुरुदेव का मंगल विहार दिल्ली से पानीपत, करनाल, अम्बाला, पंचकुला, चंडीगढ़ आदि शहरों से होगा। शिमला के इतिहास में पहली बार इतना विशाल संघ का पदार्पण हो रहा है। पूज्य गुरुदेव एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ पूज्य मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी, मुनि श्री जिनानंद जी, क्षुल्लक श्री सच्चिदानंद जी एवं क्षुल्लक श्री स्वरूपानंद जी महाराज का भी मंगल विहार शिमला के लिए होगा। हिमालय की उचाईयों में पहली बार महासिद्धांत ग्रन्थ महाबन्धो की ग्रीष्मकालीन वाचना का पाठन होगा। पूज्य गुरुदेव का पद विहार भारत के चार राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व हिमाचvल प्रदेश) में होते हुए शिमला में पदार्पण होगा। 

परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का शिमला की ओर सम्भवित पड़ाव-

28 अप्रैल - मॉडल टाउन (आहार) रात्रि विश्राम आदर्श नगर 
29 अप्रैल - वल्लभ स्मारक (आहार)
30 अप्रैल - सोनीपत रोड (फैक्ट्री) (आहार)
01 मई - गन्नौर (आहार)
02 मई - जैन फैक्ट्री (गन्नौर से 15 कि.मी.) (आहार)
03-04 मई - पानीपत (2 आहार)
05 मई - घरोंडा (आहार)
06 मई - करनाल (आहार)
07 मई - राइस मिल (आहार)
08 मई - उदासीन आश्रम (आहार)
09 मई - शाहबाद (आहार)
10 मई - अम्बाला (आहार)
11 मई - लाल्डू (आहार)
12 मई - जिरखपुर (आहार)
13-15 मई - चंडीगढ़ (3 आहार)
16 मई - पंचकुला (आहार)
17 मई - कालका (आहार)
18 मई - जावती (आहार)
19 मई - सोलन (आहार)
20 मई - शिमला प्रवेश 

Monday, April 15, 2013

एलाचार्य वसुनंदी जी के सानिध्य में संपन्न जैन डॉक्टर्स कांफ्रेंस

परम पूज्य श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम श्रद्धेय अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पावन सानिध्य में श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर, सेक्टर 14, प्रशांत विहार, रोहिणी, दिल्ली में श्री 1008 कल्पद्रुम महामंडल विधान का आयोजन बड़े ही भक्ति भाव से 10 से 19 अप्रैल तक सानंद संपन्न किया जा रहा है। इस विधान में सुंदर समवशरण की प्रतिकृति का मांडला तैयार किया गया है जिसमे चहुमुखी भगवन विराजमान किये गए हैं। विधानाचार्य के रूप में बाल ब्र. सुनील भैया (इंदौर) की उपस्थिति प्राप्त हुई है। 14 अप्रैल रविवार को पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की 50वां स्वर्ण मुनि दीक्षा जयंती (ज्ञानवर्द्धनोत्सव वर्ष) के शुभ अवसर पर प्रातः धर्म जागृति संस्थान दिल्ली प्रदेश के उत्साहित कार्यकर्ताओं का स्थानीय समाज ने सम्मान किया तथा दोपहर 3 बजे से जैन डॉक्टर्स फेडरेशन के तत्त्वाधान व प्रशांत विहार जैन समाज द्वारा आयोजित जैन डॉक्टर्स कांफ्रेंस का समागम पूज्य गुरुदेव एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन सानिध्य में संपन्न हुआ। कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि डॉ. डी.सी.जैन (ग्रीन पार्क) थे वहीं मंच का कुशल सञ्चालन डॉ. नीरज जैन (पश्चिम विहार) ने किया। पूज्य गुरुदेव ने अपने प्रवचन में सभी जैन डॉक्टर्स को स्ट्रेस फ्री रहते हुए अहिंसा और शाकाहार को अपनाते हुए कार्य करने को कहा। साथ ही शाकाहार के प्रचार प्रसार हेतु “जैन वेजीटेरियन सोसाइटी” के गठन करने की भी प्रेरणा दी।
पूज्य एलाचार्य श्री के आगामी कार्यक्रमों में 21 अप्रैल को श्री दिगम्बर जैन सभा,पश्चिमी दिल्ली के तत्त्वाधान में उत्तम नगर जैन मंदिर में भगवान महावीर जयंती तथा पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज का 50वां स्वर्ण मुनि दीक्षा जयंती (ज्ञानवर्द्धनोत्सव वर्ष) का भव्य आयोजन प्रातः काल संपन्न किया जायेगा। 22 अप्रैल को पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज का 89वां जन्म जयंती महोत्सव श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, ग्रीन पार्क में पूज्य आचार्य श्री एवं एलाचार्य श्री की उपस्थिति में मनाया जायेगा। 28 अप्रैल रविवार को पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में भगवान महावीर जयंती का आयोजन श्री दिगम्बर जैन मंदिर, मॉडल टाउन में भव्य स्तर पर किया जा रहा है। तत्पश्चात पूज्य गुरुदेव का ससंघ मंगल विहार शिमला (हिमाचल प्रदेश) के लिए होगा जहाँ ग्रीष्म कालीन वाचना का आयोजन संपन्न किया जायेगा।

Sunday, March 31, 2013

चतुर्थ एलाचार्य पदारोहण दिवस

एक बार फिर वो पावन दिवस को स्मरण करने का अवसर प्राप्त हो रहा है जब परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने अपने मंगलकारी कर कमलों से परम श्रद्धेय अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज को 01 अप्रैल 2009 को ग्रीन पार्क में उपाध्याय से एलाचार्य बनाया था और उपाध्याय श्री निर्णय सागर जी मुनिराज से बन गए एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज। इस वर्ष पूज्य गुरुदेव का चतुर्थ एलाचार्य पदारोहण दिवस बड़े ही भक्ति भाव से और आनंद के साथ 01 अप्रैल 2013 को प्रातः 11 बजे से हेडगेवार सभागार, शंकर नगर, दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ मुनि श्री शिवसागर जी, श्री ज्ञानानंद जी, श्री सर्वानन्द जी, श्री जिनानंद जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी, क्षुल्लक श्री विशंकसागर जी, क्षुल्लक श्री समर्पणसागर जी, श्री सुखानंद जी, श्री सहजानंद जी, श्री सच्चिदानंद जी एवं श्री स्वरूपानंद जी महाराज का भी सानिध्य प्राप्त होगा।

Tuesday, March 26, 2013

Shakarpur Me Siddhchakra Aradhana Mahamandal Vidhan







आप सब सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।

होली मंगल मिलन पर 

रंग और अंतरंग का अनूठा संगम 

होली खेले मुनिराज  

Tuesday, March 19, 2013

कल्याणकारी श्री कल्याण मंदिर विधान संपन्न

श्री पार्श्वनाथ भगवान की भक्ति आराधना का सर्वाधिक चमत्कारी स्तोत्र श्री कल्याण मंदिर का विधान श्री दिगम्बर जैन मंदिर, बैंक एन्क्लेव (दिल्ली) में 1 7 मार्च को बड़े ही भक्ति भाव से सानंद संपन्न हुआ। इस विधान में परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का परम पुनीत सानिध्य भक्तों को प्राप्त हुआ जिसमे पूज्य एलाचार्य श्री के साथ साथ मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी, मुनि श्री जिनानंद जी, क्षुल्लक श्री सच्चिदानंद जी एवं क्षुल्लक श्री स्वरूपानंद जी महाराज का भी सानिध्य प्राप्त हुआ।  इस विधान का आयोजन जैन समाज के नेतृत्व में श्री बबलू जैन (राज डायमंड्स ) द्वारा संपन्न कराया गया। विधान में संगीत श्रीमती बबीता झांझरी ने दिया तो वहीँ विधानाचार्य के रूप में पं.श्री राकेश जी (आगरा) ने क्रियाएं संपन्न कराई। पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का बैंक एन्क्लेव में त्रि दिवसीय प्रवास रहा तत्पश्चात 19 मार्च को मंगल विहार कर श्री वर्धमान दिगम्बर जैन मंदिर, शकरपुर में मंगल प्रवेश हुआ। शकरपुर में पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन 20 से 28 मार्च तक संपन्न होगा। 

Thursday, March 14, 2013

दिल्ली में 16 मार्च को मंगल प्रवेश

परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल प्रवेश 16 मार्च को श्री दिगम्बर जैन मंदिर, सूर्य नगर से विहार कर दिल्ली स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर, बैंक एन्क्लेव में भव्य मंगल प्रवेश करेंगे। पूज्य एलाचार्य श्री का प्रवेश लगभग 11 महीने बाद पुन्हः दिल्ली में हो रहा है। पूज्य गुरुदेव के पावन सानिध्य में 17 मार्च श्री कल्याण मंदिर विधान का संगीतमय आयोजन जिन मंदिर में किया जायेगा तथा 19 मार्च से 28 मार्च तक श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन श्री वर्धमान दिगम्बर जैन मंदिर, शकरपुर में किया जायेगा। 

Sunday, March 10, 2013

शकरपुर में एलाचार्य श्री वसुनंदी मुनिराज के सानिध्य में अष्टाह्निका

चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर जी मुनिराज की गौरवशाली परम्परा के अनमोल रत्न परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम अग्यानुवर्ती शिष्य परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश 19 मार्च को श्री वर्धमान दिगम्बर जैन मंदिर, बी ब्लाक, शकरपुर में होगा जहाँ फाल्गुन माह की अष्टाह्निका का आयोजन 20 मार्च से 28 मार्च तक संगीतमय व उत्साहपूर्वक किया जायेगा। पर्व के दौरान अनंतानंत सिद्ध परमेष्ठी की आराधना का स्त्रोत श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन होगा। इस विधान के माध्यम से सति मैनासुंदरी ने अपने पति सेठ श्रीपाल आदि 700 कोडियों को निरोगी किया था। इस विधान में आप भी सम्मिलित हो अपने पाप कर्म का क्षय कर पुण्यार्जन करें। 28 मार्च को हवन के पश्चात् भव्य रथयात्रा के माध्यम से निष्ठापन किया जायेगा। 
धर्म जागृति संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री पंकज जैन ने बताया कि पूज्य गुरुदेव का दिल्ली में मंगल प्रवेश 17 मार्च को लक्ष्मी नगर स्थित बैंक एन्क्लेव जैन मंदिर में होगा जहाँ दो दिन के प्रवास के पश्चात् शकरपुर में मंगल प्रवेश होगा। 
पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी, मुनि श्री जिनानंद जी, क्षुल्लक श्री सच्चिदानंद जी एवं क्षुल्लक श्री स्वरूपानंद जी महाराज का भी सानिध्य व दर्शन प्राप्त होगा। 

Thursday, February 21, 2013

दिल्ली में 16 मार्च को होगा मंगल प्रवेश

परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार २ फरवरी को अतिशय क्षेत्र अहिछत्र से रामपुर के लिए होगा। 25 फरवरी को  रामपुर में मंगल प्रवेश होगा तथा 1 मार्च को मुरादाबाद में मंगल प्रवेश होग। पूज्य गुरुदेव विहार करते हुए 14 मार्च को पूज्य श्री का संघ सहित सूर्य नगर में प्रवेश होगा तथा 16 मार्च को दिल्ली की धर्म नगरी लक्ष्मी नगर में होगा। पूज्य गुरुदेव के परम पावन सानिध्य में 20 मार्च से 28 मार्च तक श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन संपन्न होगा। पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का चतुर्थ एलाचार्य पदारोहण दिवस का आयोजन 1 अप्रैल को हेडगेवार सभागार, शंकर नगर में मनाया जायेगा तथा 31 मार्च को भगवान पार्श्वनाथ केवलज्ञान कल्याणक महोत्सव व जिनसहस्रनाम विधान का आयोजन भी किया जायेगा। 

Wednesday, February 13, 2013

क्षुल्लक दीक्षाएं सानंद संपन्न


भगवान पार्श्वनाथ की तप स्थली अहिछत्र की पावन भूमि पर परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के मंगलकारी कर कमलों द्वारा 10 फरवरी 2013 को प्रातः 11बजे से जिनशासन प्रणीत भव्य द्वय क्षुल्लक दीक्षाएँ अपार जनसमूह के मध्य संपन्न हुई। इस अवसर पर संघस्त ब्र. शुद्धात्म प्रकाश जी एवं ब्र.अध्यात्म प्रकाश जी की सात सात प्रतिमाओं को बढाकर ग्यारह प्रतिमाओं के संस्कार कर क्रमशः क्षुल्लक श्री सच्चिदानंद जी एवं क्षुल्लक श्री स्वरूपानंद जी नाम से संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ चित्र अनावरण व मंगल गीत के माध्यम से हुआ। पश्चात विभिन्न समाजों द्वारा श्रीफल भेंट किये गए। आगरा, एटा, बडौत, मेरठ, दिल्ली, सरधना, तिजारा, मंडोला, फिरोजाबाद एवं अहिछत्र की समाज द्वारा चातुर्मास हेतु श्रीफल भेंट किये।

दीक्षार्थी शुद्धात्म प्रकाश जी के धर्म माता-पिता बनने का सौभाग्य श्रीमती चन्द्र किरण जैन ध.प. श्री राजेश जैन (एत्मादपुर) तथा दीक्षार्थी अध्यात्म प्रकाश जी के माता -पिता बनने का सौभाग्य श्रीमती श्रीमती जैन ध.प.श्री शगुन चंद जैन (भिंड) को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज की मुख्यता के साथ मुनि श्री प्रमुख सागर जी, मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी, मुनि श्री जिनानंद जी, आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी, क्षुल्लक श्री समर्पण सागर जी व क्षुल्लिका श्री वीरनंदनी माताजी का भी सानिध्य प्राप्त हुआ।
जानकारी देते हुए संघस्त ब्र.शुभाशीष भैया जी ने बताया कि पूज्य गुरुदेव ससंघ के सानिध्य में “महासिद्धांत ग्रन्थ वाचना” चल रही है जिसका निष्ठापन 23 फरवरी को किया जायेगा तथा संघ का विहार रामपुर (उ.प्र.) के लिए होगा। पूज्य एलाचार्य श्री रामपुर, मुरादाबाद, हापुड होते हुए संभावित 19 मार्च को शकरपुर,दिल्ली प्रवेश करेंगे जहाँ 20 से 27 मार्च तक श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन अष्टाह्निका में किया जायेगा।

Thursday, January 31, 2013

अहिछत्र में होगी उत्कृष्ट श्रावक दीक्षा


परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की आज्ञा से उन्ही के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के मंगलकारी कर कमलों से 10 फरवरी को भव्य स्तर पर द्वय क्षुल्लक दीक्षा महामहोत्सव का अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में मंगल आयोजन होगा। इस अवसर पर संघस्त ब्र.शुद्धात्म प्रकाश जी एवं ब्र.अध्यात्म प्रकाश जी की उत्कृष्ट श्रावक, क्षुल्लक दीक्षा के संस्कार पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
दीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा व गोद भराई 03 फरवरी को फिरोजाबाद, 04 फरवरी को टूंडला और 05 फरवरी को बदायूं में आयोजित होगी। 03 फरवरी को फिरोजाबाद में परम पूज्या गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में बिनौली का आयोजन होगा।
दीक्षा महोत्सव में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ पूज्य मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज का सानिध्य भी प्राप्त होगा। अभी पूज्य गुरुदेव ससंघ के सानिध्य में 27 जनवरी से 20 फरवरी तक महा सिद्धांत ग्रन्थ शीतकालीन वाचना का आयोजन भी अहिछत्र में चल रहा है। संघस्त बाल ब्र.पुण्याशीश भैया जी ने बताया की अहिछत्र से संघ का विहार दिल्ली की ओर होगा।

Monday, January 28, 2013

मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र अहिछत्र

कड़ कडाती ठण्ड और घने कोहरे में विहार कर सुभ 11 बजे परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में 27 जनवरी को हुआ। गाजे बाजे के साथ पूज्य एलाचार्य श्री का स्वागत किया गया तथा स्थानीय कार्यकारिणी द्वारा पाद प्रक्षालन गुरु अभिवादन किया।पूज्य एलाचार्य श्री के सानिध्य में महा सिद्धांत ग्रन्थ शीत कालीन वाचना का प्रारंभ मंगल कलश स्थापना व ध्वजारोहण के साथ हुआ।जिन धर्म की ध्वज फ़हराने का सौभाग्य श्री अनिल कुमार जैन (बिल्सी वाले) को प्राप्त हुआ तथा मंगल कलश श्री पद्मप्रकाश जैन (धनोरा मंडी) ने स्थापित किया। इस अवसर पर शास्त्र भेंट का सुनहरा अवसर श्री संजय जैन (बदायूं), श्री देवाशीष जैन (बिलसी), श्री निपुण जैन (ग्रीन पार्क) एवं श्री मृदंक जैन को प्राप्त हुआ। 27 जनवरी का दिन अहिछत्र के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित हुआ क्योंकि यह पहली बार है जब अहिछत्र में शीतकालीन वाचना का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का कुशल रूप से मंच संचालन श्री संजय जैन शास्त्री (सागर) ने किया तथा कार्यक्रम के प्रबंधक श्री ओम प्रकाश जैन को बनने का सौभाग्य मिला।
लगभग 25 दिन चलने वाली वाचना में प्रातः श्री राजवार्तिक शास्त्र का स्वाध्याय किया जायेगा वही दोपहर में श्री महाबन्ध भाग 5 शास्त्र का स्वाध्याय किया जायेगा। संघस्त बाल ब्र.शुभाशीष भैया जी ने बताया कि इतना ही नहीं समय का सदुपयोग करते हुए अन्य समय में संघ की अलग अलग विषय पर शिक्षाएं भी पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा दी जायेंगी।
संघस्त बाल ब्र. पुण्याशीश भैया जी ने बताया कि वाचना के पश्चात् संघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर होगा।

Sunday, January 20, 2013

महासिद्धान्त ग्रन्थ शीतकालीन वाचना



उपसर्ग विजेता भगवन पार्श्वनाथ की तपस्थली अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत सानिध्य में 27 जनवरी से 20 फरवरी तक “महासिद्धान्त ग्रन्थ शीतकालीन वाचना” का आयोजन संपन्न होगा। संघस्त बाल ब्र. शुभाशीष भैया ने बताया कि इस शीतकालीन वाचना में श्री महाबन्ध भाग 5 की वाचना होगी।ज्ञात हुआ है कि परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज स्वाध्याय प्रिय संत है तथा उनके संघ में प्रत्येक शीतकालीन, ग्रीष्मकालीन व वर्षाकालीन ऐसी तीनो वार्षिक वाचनायें संपन्न होती है। वर्तमान काल में स्वाध्याय की परम्परा व रूचि समाप्त होती जा रही है जिसके लिए पूज्य गुरुदेव विभिन्न प्रकार से श्रावकों को स्वाध्याय करने की प्रेरणा प्रतिपल देते हैं। वाचना का प्रारूप मात्र स्वाध्याय ही नहीं अपितु समय का सदुपयोग भी है।जहाँ हर प्राणी अपनी भाग दौड़ में ही जीवन व्यतीत कर रहा है वही स्वाध्याय के माध्यम से प्राणी अपने आप को जानने का सफल प्रयास करता है।
पूज्य एलाचार्य श्री की वर्षाकालीन वाचना फिरोजाबाद में संपन्न होने के पश्चात अब शीतकालीन वाचना अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में संपन्न होने जा रही है। संघस्त साधुओं में पूज्य मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज व त्यागीगण आदि इस वाचना में उपस्थित रहेंगे। पूज्य एलाचार्य श्री 23 जनवरी को बदायूं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के पश्चात् विहार कर 26 जनवरी को अतिशय क्षेत्र में मंगल प्रवेश करेंगे। वाचना का शुभारम्भ विधिवत रूप से मंगल कलश स्थापित कर 27 जनवरी से होगा व विधिवत 20 फरवरी को समापन कर दिल्ली की ओर मंगल विहार करने की सम्भावना है।
परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का मुख्य उद्देश्य अपने गुरु परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के पावन दर्शन हेतु दिल्ली में पदार्पण होगा तत्पश्चात मेरठ नगर की ओर गमन होगा जहाँ 12 से 16 मई तक श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन किया जायेगा।

Thursday, January 17, 2013

गिरनार काण्ड पर मलहम लगाने पहुँच रहे है मंत्रीगण

क्या सिर्फ इससे मिलेगा इन्साफ या सार्थक कदम उठाने से होगा समस्या का समाधान?

अगर सच में मुनि श्री के स्वास्थ का है खयाल तो गिरनार समस्या का हो समाधान।

Sunday, January 13, 2013

टूंडला नगर में संपन्न हुई पंचकल्याणक प्रतिष्ठा

प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जिनबिम्ब एवं मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा,कलशारोहण एवं विश्व शांति महायज्ञ श्री दिगम्बर जैन मंदिर,रिषभ पूरी चौराहा, टूंडला (उ.प्र.) में परम श्रद्धेय श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत सानिध्य में सानंद संपन्न हुआ। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन 30 दिसम्बर 2012 से 04 जनवरी 2013 की मंगल बेला व शुभ मुहूर्त में विशाल आयोजन व उत्साह के साथ समस्त जैन समाज के सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पूर्ण हुआ। पूज्य गुरुदेव का मंगल प्रवेश 19 दिसम्बर को टूंडला नगर में ससंघ हुआ। इस अवसर पर पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ का भी सानिध्य प्रतिष्ठा में प्राप्त हुआ। 30 दिसम्बर के शुभ दिन सर्वप्रथम देवज्ञ आदि क्रियाओं के पश्चात् नगर में घटयात्रा निकली गई। ध्वजारोहण, पंडाल उद्घाटन व मंगल कलश स्थापित किये गए व अंत में पूज्य एलाचार्य श्री के मीठे प्रवचनों का लाभ प्राप्त हुआ। संध्याकाल में इंद्र दरबार व कुबेर द्वारा नगरी रचना कर रत्नावृष्टि की गई।मध्य रात्रि में गर्भ कल्याणक की आन्तरिक क्रियाएं संपन्न की गई। 31 दिसम्बर को प्रातः काल गर्भ्कल्यानक पूजन व हवं के बाद पूज्य गुरुदेव की मीठी वाणी श्रवण करने का अवसर श्रावकों को प्राप्त हुआ। इसी दिन सीमंतिक लरिया व नवीन वेदी की शुद्धि संस्कार किये गए। रात्रि कालीन सभा में रजा नाभिरय दरबार स्वप्न दर्शन व

18 जनवरी से बदायूं में होंगे पंचकल्याणक

परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पावन सानिध्य में 18 जनवरी से 23 जनवरी 2013 तक श्री दिगम्बर जैन मंदिर, बदायूं (उ.प्र.) में श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में 18-19 जनवरी को गर्भ कल्याणक पूर्व एवं उत्तर रूप, 20 जनवरी को जन्म कल्याणक, 21 जनवरी को तप कलायानक, 22 जनवरी को केवलज्ञान कल्याणक एवं 23 जनवरी को मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं संपन्न की जाएँगी। इस पावन अवसर पर पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के संघस्त मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज व त्यागी व्रतियों का सानिध्य भी प्राप्त होगा। जानकारी मिली है की यहाँ मात्र 4-5 परिवार की ही जैन समाज है लेकिन फिर भी श्रावकों में असीम उत्साह देखने को मिल रहा है जिसमे उझानी, बरेली, राम नगर, एवं आस पास के नगरों का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। 
संघस्त बाल ब्र. शुभाशीष भैया जी ने बताया कि यहाँ की प्रतिष्ठा के पश्चात् संघ का मंगल विहार अतिशय क्षेत्र अहिछत्र की ओर होगा जहा संघ की शीत कालीन वचन संपन्न होगी। वाचना के पश्चात एलाचार्य श्री ससंघ दिल्ली से होते हुए मेरठ प्रवेश करेंगे जहाँ 12 से 16 मई 2013 तक श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन श्री वसुनंदी विहार, मेरठ बाईपास, मेरठ (उ.प्र.) में होगा।

Thursday, January 3, 2013

गणिनी पद प्रतिष्ठा सानंद संपन्न

टूंडला: जैन धर्म के इतिहास में एक और ऐतिहासिक कार्य टूंडला नगर में सानंद संपन्न हुआ। परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन कर कमलों द्वारा परम पूज्य स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी को गणिनी पद 03 जनवरी 2013 को श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के ज्ञान कल्याणक के शुभ दिन व शुभ मुहूर्त में प्रदान किया गया। इस अवसर पर पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा मंत्रोच्चारण पूर्वक हजारों उपस्थित जन समूह के समक्ष प्रदान कर गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी के नाम से संबोधित किया। पद प्रतिष्ठा हेतु मत पिता बनने का सौभाग्य श्रीमति एवं श्री सुबोध जैन 'अल्ला' एटा को प्राप्त हुआ। नूतन पिच्छि भेंट करने का सौभाग्य श्री रश्मिकांत सोनी 'जयपुर' व कमंडल श्री टीनू मीनू जैन 'दिल्ली' ने भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया।श्री निकुंज जैन 'संगम विहार' व श्री बसन्त कुमार जैन ने पाद प्रक्षालन कर स्वयं को धन्य माना। गणिनी पद प्रतिष्ठा के पश्चात् पूज्य माताजी को गणिनी पद की स्वर्ण प्रशस्ति श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) द्वारा समर्पित की गई तथा चरित्र चूड़ामणि की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर 46 जिलों से पधारी जैन समाज ने पूज्य गुरुदेव को "विश्व गुरु" उपाधि की स्वर्ण प्रशस्ति चरणों में समर्पित की तथा अपने अपने नगर आगमन हेतु श्रीफल भेंट किये। कार्यक्रम के अंतिम चरण में पूज्य एलाचार्य श्री का पिच्छि परिवर्तन भी संपन्न हुआ जिसमे पुराणी पिच्छि प्राप्त करने का सुअवसर श्री अशोक जैन 'लाले' को प्राप्त हुआ। गणिनी माताजी की पुराणी पिच्छि श्री बलवीर सिंह जैन, कोल्ड स्टोरेज वाले (कुबेर व पुष्पवृष्टि कर्ता) को प्राप्त हुई। अंत में पूज्य एलाचार्य श्री के मुख से अमृत वचन श्रवण करने का लाभ भी प्राप्त हुआ जिसमे पूज्य गुरुदेव ने गणिनी पद के पश्चात् सर्व प्रथम माताजी को शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी की यात्रा करने का निर्देश दिया और तत्काल समाज द्वारा इसकी घोषणा की गई। पूज्य गुरुदेव पर चित्रित एक विडियो सी डी "मेरे गुरु वसुनंदी जी" का विमोचन श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) ने किया, सी डी में स्वर,गीत, संगीत प्रसिद्ध गीतकार श्री प्रसन्न कुमार ने दिया है।


Wednesday, January 2, 2013

सन्देश


सन्देश 
मुनि श्री प्रबलसागर जी पर हुए उपसर्ग की घटना को सुनकर अहिंसा प्रेमी सभी जनता को बेहद दुःख है।इस सम्बन्ध में हमे कोई उचित निर्णय लेना चाहिए तथा सभी धर्मानुरागी बंधुवर णमोकार मंत्र की जाप करें। शीर्षस्थ आचार्य, मुनिराजों के अनुसार आगे कदम बढाएं।
एलाचार्य वसुनंदी मुनि 
शिष्य- सिद्धान्त चक्रवर्ती, राष्ट्र संत, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज 
टूंडला चौराहा, टूंडला (फिरोजाबाद,उ.प्र.)

Tuesday, January 1, 2013

गण नायक बनेंगी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी


"गणिनी" स्त्री पर्याय का सर्वोच्च पद है तथा अर्यिका संघ में आचार्य के सामान है। आर्यिका , क्षुल्लिका दीक्षा देने की अनुमति गणिनी को होती है। वह अपने संघ का सञ्चालन गुरु आज्ञा से करती हैं तथा संघ को प्रायश्चित आदि देने की अनुमति होती है। 
ऐसे "गणिनी" पद का संस्कार परम पूज्य श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने पूज्य आर्यिका श्री प्रज्ञमति माताजी एवं पूज्य आर्यिका श्री विद्याश्री माताजी को प्रदान किया था और अब परम पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के कर कमलों द्वारा उनकी आज्ञानुवर्ती शिष्या पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी को 03 जनवरी 2013 को "गणिनी पद" से संस्कारित करेंगे।
यह शुभ आयोजन टूंडला नगर में चल रहे पंचकल्याणक के चतुर्थ दिन केवलज्ञान कल्याणक के अवसर व शुभ मुहूर्त में 03 जनवरी को दिया जायेगा। पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी वर्तमान में कुशलता पूर्वक आर्यिका संघ का संचालन कर रही हैं। संघ में आर्यिका श्री ब्रह्मनंदनी माताजी, आर्यिका श्री श्रीनंदनी माताजी, आर्यिका श्री पद्मनन्दनी माताजी एवं क्षुल्लिका श्री वीरनंदनी माताजी के साथ साथ 10 ब्रह्मचारिणी बहनें हैं।
कार्यक्रम के दौरान दीक्षार्थी (आर्यिका श्री गुरुनन्दनी माताजी) के माता-पिता बनने का सौभाग्य एटा निवासी श्रीमती एवं श्री सुबोध कुमार जैन 'अल्ला' को प्राप्त हुआ है। गणिनी अवस्था की प्रथम नूतन पिच्छि भेंट करने का सुअवसर प्राप्त हुआ श्री रश्मिकांत सोनी 'जयपुर' को तथा श्री टीनू मीनू जैन 'शंकर नगर, दिल्ली' को कमंडल भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जप आराधना हेतु जाप माला भेंट करेंगे श्री मुकेश कुमार जैन 'शिकोहाबाद' जहाँ पूज्य माताजी का सन 2007 का चातुर्मास संपन्न हुआ था। स्वाध्याय हेतु श्री झम्मन लाल जैन 'राजाखेड़ा' निवासी प्रथमानुयोग, श्री कैलाश चंद नीरज कुमार जैन 'आगरा' करणानुयोग, श्री राजेश गंगवाल 'जयपुर' चरणानुयोग, श्री पंकज जैन 'बॉम्बे डाईन' अलवर द्रव्यानुयोग ग्रन्थ भेंट करेंगे। धारूहेड़ा से श्री कंवरसेन रजत कुमार जैन पूज्य माताजी को वस्त्र भेंट करेंगे। दिल्ली के श्री निकुंज जैन 'संगम विहार' व टूंडला के श्री बसंत कुमार जैन पाद प्रक्षालन कर चरण रज से अपने को सौभाग्य शाली बनायेंगे।
जहाँ एक ओर पूज्य एलाचार्य श्री नव निर्मित प्रतिमाओं को सूरी मंत्र प्रदान करेंगे वही दूसरी ओर पूज्य आर्यिका श्री गुरु नंदनी माताजी को गणिनी पद के संस्कार देकर सर्वोच्च पद पर आसीन करेंगे।

विचार

विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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