Saturday, January 10, 2015

शिलान्यास महोत्सव

प.पू. अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में 11 जनवरी को प्रातः 11 बजे से श्री जिन चैत्यालय व श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद स्वाध्याय भवन का शिलान्यास अतिशय क्षेत्र श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली, ग्राम बोलखेड़ा (कामां, भरतपुर, राज.) में होगा। अपनों को लाएं, सबको लाएं।
15 जनवरी को नव निर्माणाधीन श्री दिगम्बर जैन मंदिर, सीकरी में अष्ट स्थान शिलान्यास महोत्सव (3 वेदी, 3 शिखर, 1 मानस्तम्भ व मुख्या द्वार) पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में संपन्न होगा। आप सादर आमंत्रित हैं।

Sunday, January 4, 2015

आचार्य पद समारोह

����सर्वश्रेष्ठ आचार्य श्री ने दिया जैन समाज को सर्वश्रेष्ठ उपहार����

प.पू. श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने जैन समाज को नव वर्ष का अदभुत व सर्वश्रेष्ठ उपहार प्रदान किया है। दिनांक 03 जनवरी 2015 को प्रातः 9 बजे जब प.पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ आचार्य श्री के दर्शनार्थ पहुँचे तो उन्होंने आचार्य पद की घोषणा कर दी। कुन्दकुन्द भारती, दिल्ली में पहले से ही आयोजित भजन सभा के दौरान परम पूज्य राष्ट्र संत, श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने स्व हस्तों से मंत्रोच्चारण पूर्वक विधिवत रूप से आचार्य पद के संस्कार किये।
प.पू. अभिक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज वर्तमान काल के ज्येष्ठ व सर्वाधिक दीक्षा प्रदाता एलाचार्य हैं जिन्हें अब पूर्ण आचार्य पद से सुशोभित किया गया है।

आचार्य परंपरा-
प.पू. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांतिसागर जी मुनिराज
प.पू. अन्तर्मना संत आचार्य श्री पायसागर जी मुनिराज
प.पू. निस्पृही संत आचार्य श्री जयकीर्ति जी मुनिराज
प.पू. भारत गौरव आचार्य श्री देशभूषण जी मुनिराज
प.पू. श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज
प.पू. अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज

विशेषतायें-
•11 अक्टूबर 1989 में मुनि दीक्षा धारण कर मुनि श्री निर्णय सागर कहलाये।
•17 फरवरी 2002 में उपाध्याय पद से संस्कारित कर उपाध्याय श्री निर्णय सागर जी कहलाये।
•21 वीं सदी के प्रथम उपाध्याय बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
•1 अप्रैल 2009 में एलाचार्य पद पर आसीन कर एलाचार्य श्री वसुनंदी जी नाम से जाना गया।
•आप सर्वाधिक दीक्षा प्रदाता एलाचार्य हुए।
•आपकी प्रेरणा से श्री जिनशासन तीर्थ, अजमेर; श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली, बोलखेड़ा; श्री श्वेत जैन मंदिर, मेरठ, आदि अनेक तीर्थों का निर्माण हुआ।
•आपने अभी तक लगभग 50 से अधिक पंचकल्याणक प्रतिष्ठायें संपन्न कराई।
•आपके लगभग 20 पीछी धारी साधु व 100 व्रती श्रावक मोक्षमार्ग पर अग्रसर हैं।
•आपकी सिद्धांत, न्याय, व्याकरण, विविध भाषा ज्ञान, वास्तु, ज्योतिष, विविध धर्मों का अध्ययन, चार अनुयोग, आदि सभी विषयों पर मजबूत पकड़ है।
•आप गुरु सेवक, जिनधर्म प्रभावक, ज्ञान ध्यान तप में लीन, कुशल संघ संचालक, सरल मना, वाचना अर्ह, वात्सल्य की खदान, तपस्या और साधक मुनि हैं।

आगामी संभावित कार्यक्रम-
11 जनवरी 2015- श्री जिन चैत्यालय व आचार्य श्री विद्यानंद स्वाध्याय भवन शिलान्यास महोत्सव, श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली, बोलखेड़ा (राज.)
15 जनवरी 2015 - श्री वेदी शिलान्यास महोत्सव, सीकरी (राज.)
25 जनवरी से 31 जनवरी 2015 तक श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव, राजाखेड़ा (राज.)
06 फरवरी से 11 फरवरी 2015 श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव, फ़िरोज़ाबाद (उ.प्र.)
25 फरवरी से 02 मार्च 2015 श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक महोत्सव, होडल(हरि.)

विचार

विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

आपको ये website कैसी लगी?

JOIN VASUNANDI

आचार्य श्री के सभी कार्यक्रमों, विहार,समाचार,प्रवचन आदि की जानकारी के लिए आज ही अपने मोबाइल से whatsapp message भेजे
JOIN VASUNANDI
और SEND करे 9024620835 NUMBER पर
आपको हमेशा के लिए FREE SMS मिलते रहेंगे

Email us @:- vasunandiji@gmail.com