Wednesday, October 29, 2014

आचार्य श्री विद्यानंद प्रतियोगिता का परिणाम घोषित

आचार्य श्री विद्यानंद प्रतियोगिता के परिणाम घोषित।इस प्रतियोगिता में लगभग 700 प्रतियाँ प्राप्त हुई जिनमे से 19 प्रतियोगियों को 169 में से 169 अंक प्राप्त हुए। समारोह स्थल पर ड्रा द्वारा प्रथम तीन पुरस्कार वितरित किये गए।
प्रथम पुरस्कार (शुद्ध सोने की चैन) :- श्रीमती अनीता सरावगी, ग्रीन पार्क दिल्ली
द्वितीय पुरस्कार (शुद्ध चाँदी की थाली):- श्रीमती आशा जैन, टूंडला उ.प्र.
तृतीय पुरस्कार (शुद्ध चाँदी का कलश):- श्रीमती वैशाली जैन, वैशाली नगर अजमेर राज.
शेष सभी को 26 विशेष सांत्वना, 90 सामान्य सांत्वना और 108 सांत्वना पुरस्कार वितरित किये गए।
सभी प्रतियोगियों को हार्दिक शुभ कामनाएं तथा पूज्य गुरुदेव एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का मंगलमय आशीर्वाद।

Friday, October 24, 2014

लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में 25 अक्टूबर को एक दिवसीय भव्य श्रीमज्जिनेंद्र शांतिनाथ लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन प्रातः 5: 00 बजे से दिनभर केसरगंज अजमेर में किया जा रहा है।
26 अक्टूबर को पूज्य एलाचार्य श्री ससंघ का पिच्छि परिवर्तन महोत्सव का आयोजन मोइनिया इस्लामिया प्रांगन, स्टेशन रोड अजमेर में संपन्न होगा। आप सपरिवार सादर आमंत्रित हैं।

Thursday, October 16, 2014

कलशारोहण महोत्सव संपन्न

परम पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के सुयोग्य शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में 16 अक्टूबर को केसरगंज स्थित जिनालय के शिखरों के जीर्णोद्धार के पश्चात् कलशारोहण महोत्सव का आयोजन धूम धाम से भव्यता के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर तीन शिखरों पर कलशारोहण किया गया। प्रतिष्ठाचार्य पं. श्री कुमुद सोनी के निर्देशन में कार्य कुशलता पूर्वक संपन्न हुआ। प्रातः काल श्री गणधर वलय विधान का आयोजन संपन्न हुआ तत्पश्चात 11:30 बजे कलशारोहण संपन्न किया गया।

Wednesday, October 8, 2014

पिच्छिका परिवर्तन समारोह

आप सपरिवार इष्ट मित्रों सहित सादर आमंत्रित हैं।

Friday, October 3, 2014

जीवन झलकियाँ

आज पूज्य गुरुदेव का 48वां जन्म दिवस है। इस उपलक्ष्य में आईये जानें कुछ महत्वपूर्ण जानकारी पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के जीवन से सम्बंधित:-
1 सन 1967 की 3 अक्टूबर को बालक दिनेश जैन उर्फ़ रवि का जन्म विरोंधा ग्राम, मनिया (धौलपुर) में हुआ।
2 सन 1988 की अप्रैल में गढ़ त्याग किया और 16 नवम्बर को क्षुल्लक दीक्षा धारण की।
नाम रखा क्षुल्लक जिनेन्द्र सागर जी।
3 सन 1989 की 11 अक्टूबर को मुनि दीक्षा धारण कर बन गए मुनि निर्णय सागर जी।
4 सन 1990 का चातुर्मास टीकमगढ़ में संपन्न हुआ।
5 सन 1991 में गुणों की खान होने से गुणसागर की उपाधि से श्रेयांसगिरी में अलंकृत किया।
6 सन 1992 में पन्ना नगर में महावीर जयंती का आयोजन आपके सानिध्य में संपन्न हुआ।
7 सन 1993 में बिना महानगर में ग्रीष्म कालीन वाचना संपन्न हुई।
8 सन 1994 में सागर में अध्ययन पूर्वक सागर में शीत कालीन वाचना संपन्न हुई।
9 सन 1995 में ललितपुर चातुर्मास संपन्न हुआ जिसमे पुराणी पिच्छिका ब्र.बालचंद जी को प्राप्त हुई।
10 सन 1996 में पहली बार ब्र. गुलाब चन्द जी की समाधी कराई।
11 सन 1997 में प्रभावना करते हुए पथरिया और गढ़ाकोटा में सम्यक ज्ञान शिविर लगाया।
12 सन 1998 में जतारा, बंडा और पवा जी में सानिध्य में गजरथ महोत्सव आयोजित हुआ।
13 सन 1999 में फिरोजाबाद में शुगर और पीलिया जैसे महारोगों ने एक साथ ग्रसित किया।
14 सन 2000 में फिरोजाबाद में ही विभव नगर में भव्य पञ्च कल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न कराई।
15 सन 2001 में राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के पावन दर्शन ग्रीन पार्क दिल्ली में पहली बार किये।
16 सन 2002 में उपाध्याय पद उपरांत तिजारा की प्रथम तीर्थ यात्रा की। 17 फरवरी को विश्वास नगर दिल्ली में हुआ था उपाध्याय पद।
17 सन 2003 में मेरठ में ऐतिहासिक चातुर्मास हुआ जिससे पूर्व सिद्धक्षेत्र अष्टापद की यात्रा गुरु संघ ने की।
18 सन 2004 का मंगल चातुर्मास कृष्णा नगर दिल्ली में संपन्न हुआ। यह एक मात्र चातुर्मास था जो दिल्ली में उपाध्याय अवस्था में हुआ।
19 सन 2005 में अतिशय क्षेत्र शौरिपुर में कवलचंद्रायण व्रत कर त्याग और व्रत की महिमा प्रस्तुत की।
20 सन 2006 में अतिशय क्षेत्र तिजारा में चातुर्मास संपन्न हुआ।
21 सन 2007 में एक साथ 2 क्षुल्लक दिक्षाएं राजाखेड़ा में प्रदान की।
22 सन 2008 में पहली बार एक साथ 4 आर्यिका दिक्षाएं सीकरी नगर में प्रदान की।
23 सन 2009 में एलाचार्य पद का पहला चातुर्मास मेरठ में संपन्न हुआ।
24 सन 2010 में क्षपक आर्यिका श्री मोक्ष नंदनी माताजी की समाधी बोलखेड़ा अतिशय क्षेत्र में कराई।
25 सन 2011 में हस्तिनापुर चातुर्मास के दौरान एक साथ 22 श्रावकों को प्रतिमा व्रत प्रदान किया।
26 सन 2012 में पहली बार 1146 श्रावकों को फिरोजाबाद में नैष्ठिक श्रावक दीक्षा के संस्कार प्रदान किये।
27 सन 2013 में एक और इतिहास रचते हुए शिमला में हजारों वर्षों में पहली बार जैनेश्वरी दिक्षाएं व लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न कराई।
28 सन 2014 में सर्वाधिक दीक्षा प्रदान करते हुए अतिशय क्षेत्र जय शांति सागर निकेतन मंडोला का नाम स्वर्ण अक्षरों से इतिहास में अंकित कर दिया।

ऐसे परम पावन पुनीत दिगम्बर संत एलाचार्य शरइ वसुनंदी जी मुनिराज बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं जिनके माध्यम से हजारों लक्शों श्रावकों का कल्याण हो रहा है। एलाचार्य श्री रुपी धर्म सूर्य हजारों वर्षों तक चमकता रहे यही भगवन से प्रार्थना करते हैं और स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं।

विचार

विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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