Thursday, January 31, 2013

अहिछत्र में होगी उत्कृष्ट श्रावक दीक्षा


परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की आज्ञा से उन्ही के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के मंगलकारी कर कमलों से 10 फरवरी को भव्य स्तर पर द्वय क्षुल्लक दीक्षा महामहोत्सव का अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में मंगल आयोजन होगा। इस अवसर पर संघस्त ब्र.शुद्धात्म प्रकाश जी एवं ब्र.अध्यात्म प्रकाश जी की उत्कृष्ट श्रावक, क्षुल्लक दीक्षा के संस्कार पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा प्रदान किये जायेंगे।
दीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा व गोद भराई 03 फरवरी को फिरोजाबाद, 04 फरवरी को टूंडला और 05 फरवरी को बदायूं में आयोजित होगी। 03 फरवरी को फिरोजाबाद में परम पूज्या गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में बिनौली का आयोजन होगा।
दीक्षा महोत्सव में पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के साथ साथ पूज्य मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज का सानिध्य भी प्राप्त होगा। अभी पूज्य गुरुदेव ससंघ के सानिध्य में 27 जनवरी से 20 फरवरी तक महा सिद्धांत ग्रन्थ शीतकालीन वाचना का आयोजन भी अहिछत्र में चल रहा है। संघस्त बाल ब्र.पुण्याशीश भैया जी ने बताया की अहिछत्र से संघ का विहार दिल्ली की ओर होगा।

Monday, January 28, 2013

मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र अहिछत्र

कड़ कडाती ठण्ड और घने कोहरे में विहार कर सुभ 11 बजे परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल प्रवेश अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में 27 जनवरी को हुआ। गाजे बाजे के साथ पूज्य एलाचार्य श्री का स्वागत किया गया तथा स्थानीय कार्यकारिणी द्वारा पाद प्रक्षालन गुरु अभिवादन किया।पूज्य एलाचार्य श्री के सानिध्य में महा सिद्धांत ग्रन्थ शीत कालीन वाचना का प्रारंभ मंगल कलश स्थापना व ध्वजारोहण के साथ हुआ।जिन धर्म की ध्वज फ़हराने का सौभाग्य श्री अनिल कुमार जैन (बिल्सी वाले) को प्राप्त हुआ तथा मंगल कलश श्री पद्मप्रकाश जैन (धनोरा मंडी) ने स्थापित किया। इस अवसर पर शास्त्र भेंट का सुनहरा अवसर श्री संजय जैन (बदायूं), श्री देवाशीष जैन (बिलसी), श्री निपुण जैन (ग्रीन पार्क) एवं श्री मृदंक जैन को प्राप्त हुआ। 27 जनवरी का दिन अहिछत्र के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से अंकित हुआ क्योंकि यह पहली बार है जब अहिछत्र में शीतकालीन वाचना का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का कुशल रूप से मंच संचालन श्री संजय जैन शास्त्री (सागर) ने किया तथा कार्यक्रम के प्रबंधक श्री ओम प्रकाश जैन को बनने का सौभाग्य मिला।
लगभग 25 दिन चलने वाली वाचना में प्रातः श्री राजवार्तिक शास्त्र का स्वाध्याय किया जायेगा वही दोपहर में श्री महाबन्ध भाग 5 शास्त्र का स्वाध्याय किया जायेगा। संघस्त बाल ब्र.शुभाशीष भैया जी ने बताया कि इतना ही नहीं समय का सदुपयोग करते हुए अन्य समय में संघ की अलग अलग विषय पर शिक्षाएं भी पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा दी जायेंगी।
संघस्त बाल ब्र. पुण्याशीश भैया जी ने बताया कि वाचना के पश्चात् संघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर होगा।

Sunday, January 20, 2013

महासिद्धान्त ग्रन्थ शीतकालीन वाचना



उपसर्ग विजेता भगवन पार्श्वनाथ की तपस्थली अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत सानिध्य में 27 जनवरी से 20 फरवरी तक “महासिद्धान्त ग्रन्थ शीतकालीन वाचना” का आयोजन संपन्न होगा। संघस्त बाल ब्र. शुभाशीष भैया ने बताया कि इस शीतकालीन वाचना में श्री महाबन्ध भाग 5 की वाचना होगी।ज्ञात हुआ है कि परम पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज स्वाध्याय प्रिय संत है तथा उनके संघ में प्रत्येक शीतकालीन, ग्रीष्मकालीन व वर्षाकालीन ऐसी तीनो वार्षिक वाचनायें संपन्न होती है। वर्तमान काल में स्वाध्याय की परम्परा व रूचि समाप्त होती जा रही है जिसके लिए पूज्य गुरुदेव विभिन्न प्रकार से श्रावकों को स्वाध्याय करने की प्रेरणा प्रतिपल देते हैं। वाचना का प्रारूप मात्र स्वाध्याय ही नहीं अपितु समय का सदुपयोग भी है।जहाँ हर प्राणी अपनी भाग दौड़ में ही जीवन व्यतीत कर रहा है वही स्वाध्याय के माध्यम से प्राणी अपने आप को जानने का सफल प्रयास करता है।
पूज्य एलाचार्य श्री की वर्षाकालीन वाचना फिरोजाबाद में संपन्न होने के पश्चात अब शीतकालीन वाचना अतिशय क्षेत्र अहिछत्र में संपन्न होने जा रही है। संघस्त साधुओं में पूज्य मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज व त्यागीगण आदि इस वाचना में उपस्थित रहेंगे। पूज्य एलाचार्य श्री 23 जनवरी को बदायूं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के पश्चात् विहार कर 26 जनवरी को अतिशय क्षेत्र में मंगल प्रवेश करेंगे। वाचना का शुभारम्भ विधिवत रूप से मंगल कलश स्थापित कर 27 जनवरी से होगा व विधिवत 20 फरवरी को समापन कर दिल्ली की ओर मंगल विहार करने की सम्भावना है।
परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का मुख्य उद्देश्य अपने गुरु परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के पावन दर्शन हेतु दिल्ली में पदार्पण होगा तत्पश्चात मेरठ नगर की ओर गमन होगा जहाँ 12 से 16 मई तक श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन किया जायेगा।

Thursday, January 17, 2013

गिरनार काण्ड पर मलहम लगाने पहुँच रहे है मंत्रीगण

क्या सिर्फ इससे मिलेगा इन्साफ या सार्थक कदम उठाने से होगा समस्या का समाधान?

अगर सच में मुनि श्री के स्वास्थ का है खयाल तो गिरनार समस्या का हो समाधान।

Sunday, January 13, 2013

टूंडला नगर में संपन्न हुई पंचकल्याणक प्रतिष्ठा

प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जिनबिम्ब एवं मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा,कलशारोहण एवं विश्व शांति महायज्ञ श्री दिगम्बर जैन मंदिर,रिषभ पूरी चौराहा, टूंडला (उ.प्र.) में परम श्रद्धेय श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पुनीत सानिध्य में सानंद संपन्न हुआ। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा का आयोजन 30 दिसम्बर 2012 से 04 जनवरी 2013 की मंगल बेला व शुभ मुहूर्त में विशाल आयोजन व उत्साह के साथ समस्त जैन समाज के सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पूर्ण हुआ। पूज्य गुरुदेव का मंगल प्रवेश 19 दिसम्बर को टूंडला नगर में ससंघ हुआ। इस अवसर पर पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ का भी सानिध्य प्रतिष्ठा में प्राप्त हुआ। 30 दिसम्बर के शुभ दिन सर्वप्रथम देवज्ञ आदि क्रियाओं के पश्चात् नगर में घटयात्रा निकली गई। ध्वजारोहण, पंडाल उद्घाटन व मंगल कलश स्थापित किये गए व अंत में पूज्य एलाचार्य श्री के मीठे प्रवचनों का लाभ प्राप्त हुआ। संध्याकाल में इंद्र दरबार व कुबेर द्वारा नगरी रचना कर रत्नावृष्टि की गई।मध्य रात्रि में गर्भ कल्याणक की आन्तरिक क्रियाएं संपन्न की गई। 31 दिसम्बर को प्रातः काल गर्भ्कल्यानक पूजन व हवं के बाद पूज्य गुरुदेव की मीठी वाणी श्रवण करने का अवसर श्रावकों को प्राप्त हुआ। इसी दिन सीमंतिक लरिया व नवीन वेदी की शुद्धि संस्कार किये गए। रात्रि कालीन सभा में रजा नाभिरय दरबार स्वप्न दर्शन व

18 जनवरी से बदायूं में होंगे पंचकल्याणक

परम पूज्य श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ के परम पावन सानिध्य में 18 जनवरी से 23 जनवरी 2013 तक श्री दिगम्बर जैन मंदिर, बदायूं (उ.प्र.) में श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में 18-19 जनवरी को गर्भ कल्याणक पूर्व एवं उत्तर रूप, 20 जनवरी को जन्म कल्याणक, 21 जनवरी को तप कलायानक, 22 जनवरी को केवलज्ञान कल्याणक एवं 23 जनवरी को मोक्ष कल्याणक की क्रियाएं संपन्न की जाएँगी। इस पावन अवसर पर पूज्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के संघस्त मुनि श्री ज्ञानानंद जी, मुनि श्री सर्वानन्द जी एवं मुनि श्री जिनानंद जी मुनिराज व त्यागी व्रतियों का सानिध्य भी प्राप्त होगा। जानकारी मिली है की यहाँ मात्र 4-5 परिवार की ही जैन समाज है लेकिन फिर भी श्रावकों में असीम उत्साह देखने को मिल रहा है जिसमे उझानी, बरेली, राम नगर, एवं आस पास के नगरों का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। 
संघस्त बाल ब्र. शुभाशीष भैया जी ने बताया कि यहाँ की प्रतिष्ठा के पश्चात् संघ का मंगल विहार अतिशय क्षेत्र अहिछत्र की ओर होगा जहा संघ की शीत कालीन वचन संपन्न होगी। वाचना के पश्चात एलाचार्य श्री ससंघ दिल्ली से होते हुए मेरठ प्रवेश करेंगे जहाँ 12 से 16 मई 2013 तक श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन श्री वसुनंदी विहार, मेरठ बाईपास, मेरठ (उ.प्र.) में होगा।

Thursday, January 3, 2013

गणिनी पद प्रतिष्ठा सानंद संपन्न

टूंडला: जैन धर्म के इतिहास में एक और ऐतिहासिक कार्य टूंडला नगर में सानंद संपन्न हुआ। परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन कर कमलों द्वारा परम पूज्य स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी को गणिनी पद 03 जनवरी 2013 को श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के ज्ञान कल्याणक के शुभ दिन व शुभ मुहूर्त में प्रदान किया गया। इस अवसर पर पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा मंत्रोच्चारण पूर्वक हजारों उपस्थित जन समूह के समक्ष प्रदान कर गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी के नाम से संबोधित किया। पद प्रतिष्ठा हेतु मत पिता बनने का सौभाग्य श्रीमति एवं श्री सुबोध जैन 'अल्ला' एटा को प्राप्त हुआ। नूतन पिच्छि भेंट करने का सौभाग्य श्री रश्मिकांत सोनी 'जयपुर' व कमंडल श्री टीनू मीनू जैन 'दिल्ली' ने भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया।श्री निकुंज जैन 'संगम विहार' व श्री बसन्त कुमार जैन ने पाद प्रक्षालन कर स्वयं को धन्य माना। गणिनी पद प्रतिष्ठा के पश्चात् पूज्य माताजी को गणिनी पद की स्वर्ण प्रशस्ति श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) द्वारा समर्पित की गई तथा चरित्र चूड़ामणि की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर 46 जिलों से पधारी जैन समाज ने पूज्य गुरुदेव को "विश्व गुरु" उपाधि की स्वर्ण प्रशस्ति चरणों में समर्पित की तथा अपने अपने नगर आगमन हेतु श्रीफल भेंट किये। कार्यक्रम के अंतिम चरण में पूज्य एलाचार्य श्री का पिच्छि परिवर्तन भी संपन्न हुआ जिसमे पुराणी पिच्छि प्राप्त करने का सुअवसर श्री अशोक जैन 'लाले' को प्राप्त हुआ। गणिनी माताजी की पुराणी पिच्छि श्री बलवीर सिंह जैन, कोल्ड स्टोरेज वाले (कुबेर व पुष्पवृष्टि कर्ता) को प्राप्त हुई। अंत में पूज्य एलाचार्य श्री के मुख से अमृत वचन श्रवण करने का लाभ भी प्राप्त हुआ जिसमे पूज्य गुरुदेव ने गणिनी पद के पश्चात् सर्व प्रथम माताजी को शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी की यात्रा करने का निर्देश दिया और तत्काल समाज द्वारा इसकी घोषणा की गई। पूज्य गुरुदेव पर चित्रित एक विडियो सी डी "मेरे गुरु वसुनंदी जी" का विमोचन श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) ने किया, सी डी में स्वर,गीत, संगीत प्रसिद्ध गीतकार श्री प्रसन्न कुमार ने दिया है।


Wednesday, January 2, 2013

सन्देश


सन्देश 
मुनि श्री प्रबलसागर जी पर हुए उपसर्ग की घटना को सुनकर अहिंसा प्रेमी सभी जनता को बेहद दुःख है।इस सम्बन्ध में हमे कोई उचित निर्णय लेना चाहिए तथा सभी धर्मानुरागी बंधुवर णमोकार मंत्र की जाप करें। शीर्षस्थ आचार्य, मुनिराजों के अनुसार आगे कदम बढाएं।
एलाचार्य वसुनंदी मुनि 
शिष्य- सिद्धान्त चक्रवर्ती, राष्ट्र संत, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज 
टूंडला चौराहा, टूंडला (फिरोजाबाद,उ.प्र.)

Tuesday, January 1, 2013

गण नायक बनेंगी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी


"गणिनी" स्त्री पर्याय का सर्वोच्च पद है तथा अर्यिका संघ में आचार्य के सामान है। आर्यिका , क्षुल्लिका दीक्षा देने की अनुमति गणिनी को होती है। वह अपने संघ का सञ्चालन गुरु आज्ञा से करती हैं तथा संघ को प्रायश्चित आदि देने की अनुमति होती है। 
ऐसे "गणिनी" पद का संस्कार परम पूज्य श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज ने पूज्य आर्यिका श्री प्रज्ञमति माताजी एवं पूज्य आर्यिका श्री विद्याश्री माताजी को प्रदान किया था और अब परम पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के कर कमलों द्वारा उनकी आज्ञानुवर्ती शिष्या पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी को 03 जनवरी 2013 को "गणिनी पद" से संस्कारित करेंगे।
यह शुभ आयोजन टूंडला नगर में चल रहे पंचकल्याणक के चतुर्थ दिन केवलज्ञान कल्याणक के अवसर व शुभ मुहूर्त में 03 जनवरी को दिया जायेगा। पूज्य आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी वर्तमान में कुशलता पूर्वक आर्यिका संघ का संचालन कर रही हैं। संघ में आर्यिका श्री ब्रह्मनंदनी माताजी, आर्यिका श्री श्रीनंदनी माताजी, आर्यिका श्री पद्मनन्दनी माताजी एवं क्षुल्लिका श्री वीरनंदनी माताजी के साथ साथ 10 ब्रह्मचारिणी बहनें हैं।
कार्यक्रम के दौरान दीक्षार्थी (आर्यिका श्री गुरुनन्दनी माताजी) के माता-पिता बनने का सौभाग्य एटा निवासी श्रीमती एवं श्री सुबोध कुमार जैन 'अल्ला' को प्राप्त हुआ है। गणिनी अवस्था की प्रथम नूतन पिच्छि भेंट करने का सुअवसर प्राप्त हुआ श्री रश्मिकांत सोनी 'जयपुर' को तथा श्री टीनू मीनू जैन 'शंकर नगर, दिल्ली' को कमंडल भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जप आराधना हेतु जाप माला भेंट करेंगे श्री मुकेश कुमार जैन 'शिकोहाबाद' जहाँ पूज्य माताजी का सन 2007 का चातुर्मास संपन्न हुआ था। स्वाध्याय हेतु श्री झम्मन लाल जैन 'राजाखेड़ा' निवासी प्रथमानुयोग, श्री कैलाश चंद नीरज कुमार जैन 'आगरा' करणानुयोग, श्री राजेश गंगवाल 'जयपुर' चरणानुयोग, श्री पंकज जैन 'बॉम्बे डाईन' अलवर द्रव्यानुयोग ग्रन्थ भेंट करेंगे। धारूहेड़ा से श्री कंवरसेन रजत कुमार जैन पूज्य माताजी को वस्त्र भेंट करेंगे। दिल्ली के श्री निकुंज जैन 'संगम विहार' व टूंडला के श्री बसंत कुमार जैन पाद प्रक्षालन कर चरण रज से अपने को सौभाग्य शाली बनायेंगे।
जहाँ एक ओर पूज्य एलाचार्य श्री नव निर्मित प्रतिमाओं को सूरी मंत्र प्रदान करेंगे वही दूसरी ओर पूज्य आर्यिका श्री गुरु नंदनी माताजी को गणिनी पद के संस्कार देकर सर्वोच्च पद पर आसीन करेंगे।

विचार

विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

गुरु शरण
आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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