परम श्रद्धेय श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय
आज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी
जी मुनिराज का धर्माराधना के साथ हस्तिनापुर में चातुर्मास चल रहा है जिसका
निष्ठापन १० नवम्बर को हस्तिनापुर वार्षिक मेला के अवसर पर किया
जायेगा.चातुर्मास कलश वितरण और पिच्छि परिवर्तन का कार्यक्रम दोपहर १ बजे
से प्रारंभ होगा.सांस्कृतिक कार्यक्रम,अतिथि सम्मान,चातुर्मास कलश ड्रा तथा
गुरु मुख से मंगल प्रवचन सुनने का भी लाभ प्राप्त होगा.पूज्य गुरुदेव की पिछिका प्राप्त करने के लिए व्रतों को धारण करना होता
है.गुरुदेव की पिच्छि रुपयों की बोली से नहीं अपितु संयम के ग्रहण करने से
मिलती है.यदि आप भी संयम ग्रहण करने के इच्छुक हैं तो आज ही हस्तिनापुर में
संपर्क कर अपना नाम लिखायें.
पूज्य गणिनी आर्यिका श्री विद्याश्री माताजी एवं आर्यिका श्री विधाश्री माताजी का भव्य पिच्छि परिवर्तन 30 अक्टूबर को शकरपुर में दोपहर 12:30 बजे से संपन्न होगा
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