एक नज़र-
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का गृहस्थ अवस्था का नाम दिनेश जैन था।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के गृहस्थ अवस्था की माता का नाम श्रीमती त्रिवेणी जैन है।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के गृहस्थ अवस्था के पिता श्री रिखब चंद जैन हैं।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के देह का जन्म 03 अक्टूबर 1967 को विरोंधा, तहसील मनियां, जिला धोलपुर राजस्थान में हुआ।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज की क्षुल्लक दीक्षा 16 नवम्बर 1988 को बरांसों भिंड में हुई थी।नाम रखा क्षुल्लक जिनेन्द्र सागर जी।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज की मुनि दीक्षा 11 अक्टूबर 1989 को भिंड में हुई। नाम रखा मुनि श्री निर्णय सागर जी।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का उपाध्याय पद 17 फरवरी 2002 को विश्वास नगर, दिल्ली में हुआ। नाम रखा उपाध्याय श्री निर्णय सागर जी।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का एलाचार्य पद बुधवार, 01 अप्रैल 2009 को ग्रीन पार्क दिल्ली में हुआ। नाम रखा एलाचार्य वादुनंदी मुनि।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन सानिध्य में सन 2013 में 3 पंचकल्याणक और 2014 में 3 पंचकल्याणक (फरीदाबाद, अलीगढ, जम्बूस्वामी तपोस्थली) संपन्न कराएं।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने मंडोला में क्षुल्लक श्री सहजानंद जी, क्षुल्लक श्री प्रज्ञानंद जी, क्षुल्लक श्री ध्यानानंद जी, बाल ब्र. पुन्याशीश एवं बाल ब्र. धर्माशीश भैया को दीक्षा प्रदान की।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का 8 जून से अजमेर के लिए मंगल विहार प्रारंभ हुआ।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का 07 जुलाई को अजमेर में मंगल प्रवेश हुआ।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने 2014 में लगभग 1300 कि. मी. से अधिक विहार किया।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने जयपुर स्थित चुलगिरी के दर्शन 24 जून 2014 को किये।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का प. पू. आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से मंगल मिलन 25 मार्च 2014 को जम्बूस्वामी तपोस्थली में हुआ।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के सानिध्य में सर्वप्रथम चारों अनुयोगों की वाचना कृष्णा नगर दिल्ली में हुई थी।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने जयपुर में 22 जून को मंगल प्रवेश किया।
प. पू. एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ने शिमला में 27 - 30 मई 2013 तक लघु पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न कराई।
Saturday, August 9, 2014
पलकों में बसा लो गुरु की झलक
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
विचार
मुख्य धाराएं
-
Vasunandi_ परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के सुयोग्य शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्र...
-
परम पूज्य शेवत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य परम पूज्य अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज स...
-
शांति,कुन्थु,अर तीर्थंकर की जन्म कल्याणक स्थली, एतिहासिक नगरी हस्तिनापुर में कार्तिक मेले के शुभ अवसर एवं चातुर्मास के निष्ठापन पर परम पूज...
-
आचार्य श्री विद्यानंद प्रतियोगिता को डाउनलोड करके हमें मात्र उत्तर पुस्तिका भेजें। उत्तर पुस्तिका भेजने का पता श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैस...
-
जैन समाज की धरोहर,नव देवताओं में सम्मिलित,परम पूज्य श्वेतपिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम पुनीत सानिध्य में ऐलक श्री ज्ञानानंद...
-
प्रथम तीर्थंकर श्री आदिनाथ जिनबिम्ब एवं मानस्तम्भ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा,कलशारोहण एवं विश्व शांति महायज्ञ श्री दिगम्बर जैन मंदिर,रिषभ पूरी ...
आज का प्रवास
गुरु शरण
आपको ये website कैसी लगी?
JOIN VASUNANDI
आचार्य श्री के सभी कार्यक्रमों, विहार,समाचार,प्रवचन आदि की जानकारी के लिए आज ही अपने मोबाइल से whatsapp message भेजे
JOIN VASUNANDI
और SEND करे 9024620835 NUMBER पर
आपको हमेशा के लिए FREE SMS मिलते रहेंगे
JOIN VASUNANDI
और SEND करे 9024620835 NUMBER पर
आपको हमेशा के लिए FREE SMS मिलते रहेंगे
Email us @:- vasunandiji@gmail.com
namostu guruvar
ReplyDeleterahul jain(palwal)