Monday, December 17, 2012

चातुर्मास 2012 संपन्न हुआ

परम पूज्य सिद्धांत चक्रवर्ती, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय, परम प्रभावक, आज्ञानुवर्ती शिष्य एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज का 14 वर्ष बाद फिरोजाबाद की धरती पर दूसरा चातुर्मास स्थापित हुआ और ऐसे समय बीता जैसे हाथ से रेत फिसल जाती है। गुरु वाणी और दिनचर्या में समय का पता ही नहीं चला, ऐसा मानना है फिरोजाबाद के भक्तों का। 03 जुलाई 2012 को चातुर्मास स्थापित हुआ और प्रातः प्रवचन और दोपहर में समयसार वाचना तथा सायं धार्मिक कथानक के साथ दिनचर्या चलने लगी।धीरे धीरे गुरु संगती का असर भक्तों पर दिखने लगा और स्वाध्याय के प्रति रूचि बढ़ने लगी। कक्षाएं भी लगने लगी जिसमे रत्नकरंड श्रावकाचार,सत्य सागर,नाम माला, धरम परीक्षा, वरांग चरित्र, रयण सार, रत्नमाला, ज्ञानान्कुश, लघु द्रव्य संग्रह, यति प्रतिक्रमण, आदि अनेकों शास्त्रों का अध्यन गुरु मुख से हुआ। शास्त्र वाचन के साथ साथ प्रभु भक्ति का भी भरपूर आनंद लिया गया जिसमे सिद्धचक्र विधान, इन्द्रध्वज विधान, सहस्रनाम व्रत उद्यापन विधान, 10 दिवसीय दैनिक विधान, शांति विधान, आदि विधान संपन्न हुए। सांय कालीन कथानक सुनने तो फिरोजाबाद
में जन सैलाब ही उमड़ पड़ता था।गुरु मुख से एक चल चित्र के समान कथानक सुन अन्तरंग में रोमांच की लहर दौड़ जाती थी।तन से लिपटी बेल, कॉमिडी महोत्सव, सति  अंजना, भाग्य की परीक्षा, मैना सुंदरी,आदि कथानक उनमे से एक है। चातुर्मास के दौरान अनेकों संतों, लोक पुरुषों आदि के गुणगान महोत्सव के माध्यम से खूब धर्म प्रभावना की जिसमे आचार्य श्री शांति सागर जी मुनिराज का वैराग्य शताब्दी महोत्सव, आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज की स्वर्ण मुनि दीक्षा जयंती, हजारी लाल जैन जन्म शताब्दी महोत्सव (फिरोजाबाद के सबसे मुख्य सरोजनी नायडू सरकारी हस्पताल के जमीन दाता), श्री महावीर जैन मंदिर स्वर्ण जयंती महोत्सव व एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज की रजत दीक्षा जयंती वर्ष महोत्सव मुख्य आयोजन रहे।
                  चातुर्मास को सफल व उपयोगमय बनाने में श्री अरुण जैन 'पीली कोठी'(अध्यक्ष), अशोक जैन 'लाले',अनूप जैन एडवोकेट,अजय जैन एडवोकेट, स्नेह कुमार जैन 'पोती', विजय देवता, डॉ.आर.के.जैन, विरंद्र जैन रेमजा, पंकज जैन गजक वाले, देवेन्द्र जैन मामा, चक्रेश जैन 'यू पी  रत्न',राजेश जैन'सरल', निर्मल जैन रेता वाले, लाल्तेश जैन दुर्गेश गिलास,प्रमोद जैन RCM, प्रवीन जैन UCO बैंक, विनोद जैन मिलेनियम, राजू डेकोरेटर, विनय जैन रजा गिलास, प्रमोद जैन रजा गिलास,रजा जैन गोल्डन पैलेस, आदि मुख्य गुरु सेवक के रूप में उभर कर सामने आये।
                   चातुर्मास के अंतिम पड़ाव में 28 अक्टूबर को नैष्ठिक श्रावक दीक्षा संस्कार महोत्सव में 1146 श्रावकों को जैन संस्कार देकर चातुर्मास को सार्थक बनाया। 05-10 नवम्बर तक जैन नगर में प्रवचन माला और 11 नवम्बर को फिरोजाबाद की जिला जेल में कैदियों को सदुपदेश दे नेक राह पर चलने की दिशा दिखाई। 13 नवम्बर को चातुर्मास निष्ठापन समारोह संपन्न हुआ। 14 नवम्बर को नैष्ठिक श्राविका दीक्षा संस्कार महोत्सव में 1143 महिलाओं को जैन संस्कार से संस्कारित किया और 18 नवम्बर को पिच्छि परिवर्तन समारोह का आयोजन पूर्ण हुआ जिसमे श्री प्रवीण जैन UCO  बैंक के परिवार ने 2-2 प्रतिमा के व्रत ले पूज्य गुरुदेव की पुरानी पिच्छि ग्रहण की।

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विचार- "पानी पियो छानकर, वाणी बोलो जानकर "

मुख्य धाराएं

आज का प्रवास

आज का प्रवास 27-02-2016
*परम पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज ससंघ का मंगल विहार दिल्ली की ओर चल रहा है. 05 मार्च को ग्रीन पार्क में होगा मंगल प्रवेश।
*मुनि श्री नमिसागर जी, ऐलक श्री विज्ञानसागर जी,क्षुल्लक श्री विशंक सागर जी,क्षुल्लक श्री अनंत सागर जी मंडोला,गाज़ियाबाद में विराजमान है।
*मुनि श्री शिवानंद जी, मुनि श्री प्रशमानन्द जी अतिशय क्षेत्र जय शान्तिसागर निकेतन,मंडोला,उ.प्र. में विराजमान है।
*संघ नायिका गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी ससंघ राजाखेड़ा,राज. में विराजमान हैं।
*स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री सौम्यनंदनी माताजी ससंघ पपौरा,म.प्र. में विराजमान हैं।
*आर्यिका श्री पद्मनंदनी माताजी ससंघ ज्योति नगर, दिल्ली में विराजमान हैं।

गुरु शरण

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आचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज से पड़ते हुए गुरुदेव

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