सन्देश
मुनि श्री प्रबलसागर जी पर हुए उपसर्ग की घटना को सुनकर अहिंसा प्रेमी सभी जनता को बेहद दुःख है।इस सम्बन्ध में हमे कोई उचित निर्णय लेना चाहिए तथा सभी धर्मानुरागी बंधुवर णमोकार मंत्र की जाप करें। शीर्षस्थ आचार्य, मुनिराजों के अनुसार आगे कदम बढाएं।
एलाचार्य वसुनंदी मुनि
शिष्य- सिद्धान्त चक्रवर्ती, राष्ट्र संत, श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज
टूंडला चौराहा, टूंडला (फिरोजाबाद,उ.प्र.)
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