गणिनी पद प्रतिष्ठा सानंद संपन्न

टूंडला: जैन धर्म के इतिहास में एक और ऐतिहासिक कार्य टूंडला नगर में सानंद संपन्न हुआ। परम पूज्य राष्ट्र संत श्वेत पिच्छाचार्य श्री विद्यानंद जी मुनिराज के परम प्रिय शिष्य परम पूज्य दीक्षा सम्राट एलाचार्य श्री वसुनंदी जी मुनिराज के पावन कर कमलों द्वारा परम पूज्य स्वसंघ प्रवर्तिका आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी को गणिनी पद 03 जनवरी 2013 को श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के ज्ञान कल्याणक के शुभ दिन व शुभ मुहूर्त में प्रदान किया गया। इस अवसर पर पूज्य एलाचार्य श्री द्वारा मंत्रोच्चारण पूर्वक हजारों उपस्थित जन समूह के समक्ष प्रदान कर गणिनी आर्यिका श्री गुरुनंदनी माताजी के नाम से संबोधित किया। पद प्रतिष्ठा हेतु मत पिता बनने का सौभाग्य श्रीमति एवं श्री सुबोध जैन 'अल्ला' एटा को प्राप्त हुआ। नूतन पिच्छि भेंट करने का सौभाग्य श्री रश्मिकांत सोनी 'जयपुर' व कमंडल श्री टीनू मीनू जैन 'दिल्ली' ने भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया।श्री निकुंज जैन 'संगम विहार' व श्री बसन्त कुमार जैन ने पाद प्रक्षालन कर स्वयं को धन्य माना। गणिनी पद प्रतिष्ठा के पश्चात् पूज्य माताजी को गणिनी पद की स्वर्ण प्रशस्ति श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) द्वारा समर्पित की गई तथा चरित्र चूड़ामणि की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस शुभ अवसर पर 46 जिलों से पधारी जैन समाज ने पूज्य गुरुदेव को "विश्व गुरु" उपाधि की स्वर्ण प्रशस्ति चरणों में समर्पित की तथा अपने अपने नगर आगमन हेतु श्रीफल भेंट किये। कार्यक्रम के अंतिम चरण में पूज्य एलाचार्य श्री का पिच्छि परिवर्तन भी संपन्न हुआ जिसमे पुराणी पिच्छि प्राप्त करने का सुअवसर श्री अशोक जैन 'लाले' को प्राप्त हुआ। गणिनी माताजी की पुराणी पिच्छि श्री बलवीर सिंह जैन, कोल्ड स्टोरेज वाले (कुबेर व पुष्पवृष्टि कर्ता) को प्राप्त हुई। अंत में पूज्य एलाचार्य श्री के मुख से अमृत वचन श्रवण करने का लाभ भी प्राप्त हुआ जिसमे पूज्य गुरुदेव ने गणिनी पद के पश्चात् सर्व प्रथम माताजी को शाश्वत तीर्थ सम्मेद शिखर जी की यात्रा करने का निर्देश दिया और तत्काल समाज द्वारा इसकी घोषणा की गई। पूज्य गुरुदेव पर चित्रित एक विडियो सी डी "मेरे गुरु वसुनंदी जी" का विमोचन श्री एस पी सिंह भगेल (राज्य सभा सदस्य) ने किया, सी डी में स्वर,गीत, संगीत प्रसिद्ध गीतकार श्री प्रसन्न कुमार ने दिया है।
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